Hanse Khele Na Kare Man Bhang (हंसे खेले न करे मन भंग)
- परमात्मा अज्ञात नहीं है, यही धर्म और विज्ञान का भेद है। धर्म कहता है: जगत में तीन तरह की बातें हैं- ज्ञात, जो जान लिया गयाऋ अज्ञात, जो जान लिया जाएगा और अज्ञेय, जो न जाना गया है और न जाना जाएगा। विज्ञान कहता है: जगत में सिर्फ दो ही चीजें हैं - ज्ञात और अज्ञात। विज्ञान दो हिस्सों में बांटता है जगत को - जो जान लिया गया और जो जान लिया जाएगा। बस उस एक अज्ञेय शब्द में ही धर्म का सारा सार छुपा है। कुछ ऐसा भी है जो न जाना गया और न जाना जाएगा। क्योंकि उसका राज यह है कि उसे खोजनेवाला खो जाता है उसमें।
- notes
- See discussion for a TOC.
- Originally published as ch.1-4 of Maro He Jogi Maro (मरौ हे जोगी मरौ).
- time period of Osho's original talks/writings
- (unknown)
- number of discourses/chapters
- 4
editions
Hanse Khele Na Kare Man Bhang (हंसे खेले न करे मन भंग)
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Hanse Khele Na Kare Man Bhang (हंसे खेले न करे मन भंग)(गोरख वाणी) (Gorakh Vani)
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