Letter written to Ma Yoga Sohan on 4 Oct 1966 in the evening. It is unknown if it has been published or not.
Acharya Rajnish
115, Napier Town, Yogesh Bhavan, Jabalpur (M.P.)
रात्रि--
४/१०/१९६६
प्यारी सोहन,
मैं पिडंरई,गोंदिया,दुर्ग,भिलाई और रायपुर बोलकर अभी अभी वापस लौटा हूँ। लौटते ही तेरा पत्र पढ़ा है। मैंने ऐसी योजना बनाई थी कि यहां से सीधा माथेरान जाऊँगा और फिर वहां से पूना (दो दिन) और पूना से बम्बई (एक दिन)। लेकिन कुछ गड़बड़ होती मालूम होती है। श्रीमती पूर्णिमा पकवासा का आग्रह है कि नासिक में होरहे महिलाओं के एक शिविर में माथेरान के बाद तीन दिन हूँ। देशभर से २०० महिलायें वहां सैन्य प्रशिक्षण के लिए इकट् ठी होरही हैं। यदि माथेरान के बाद नासिक जाना पड़ा तो तू भी साथ चलना।रहा पूना का तो मैं महिलाओं के एक 'शिविर के लिए नवम्बर(२२.२३,२४)में जब बम्बई जाऊँगा तो दो दिन उस समय पूना आसकूँगा। नासिक का जैसा तय होगा, वैसा मैं शीघ्र ही लिखूंगा। चन्दन का पत्र आये देर होगई है। मैं इधर इतना व्यस्त था कि उत्तर नहीं देसका हूँ। तू उस तरफ जावे तो क्षमा मांग आना। मैं एक दो दिन में उन्हें पत्र लिखूंगा। शेष शुभ। माणिक बाबू को प्रेम। बच्चों को आशीष।