Letter written on 6 Aug 1967 (2): Difference between revisions

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मेरे प्रिय,
मेरे प्रिय,
प्रेम। मैं प्रवास में था। लौटा हूं तो तुम्हारा पत्र मिला है। २, ३, ४ सितंबर  पुणे बोल रहा हूं। ५, ६, ७, अहमदाबाद, एवं ८ सित. बाबई; इस समय बिल नगर आना संभव नहीं है। आबू का कार्यक्रम अभी तय नहीं है। जैसे ही वह तय होगा, उसके आगे या पीछे एक दिन विल नगर के लिए भी निश्चित ही रहेगा। शेष शुभ। वहां सबको मेरे प्रणाम।
प्रेम। मैं प्रवास में था। लौटा हूं तो तुम्हारा पत्र मिला है। २, ३, ४ सितंबर  पुणे बोल रहा हूं। ५, ६, ७, अहमदाबाद, एवं ८ सित. बम्बई; इस समय बिल नगर आना संभव नहीं है। आबू का कार्यक्रम अभी तय नहीं है। जैसे ही वह तय होगा, उसके आगे या पीछे एक दिन विल नगर के लिए भी निश्चित ही रहेगा। शेष शुभ। वहां सबको मेरे प्रणाम।


रजनीश के प्रणाम
रजनीश के प्रणाम

Revision as of 06:30, 1 October 2023

Letter written to Pratap J. Toliya on 6 Aug 1967. It is unknown if it has been published or not.

Sw Satya Anuragi kindly shared this and other 17 letters to Pratap.


Acharya Rajnish

115, Napier Town : Jabalpur (M. P.)

मेरे प्रिय, प्रेम। मैं प्रवास में था। लौटा हूं तो तुम्हारा पत्र मिला है। २, ३, ४ सितंबर पुणे बोल रहा हूं। ५, ६, ७, अहमदाबाद, एवं ८ सित. बम्बई; इस समय बिल नगर आना संभव नहीं है। आबू का कार्यक्रम अभी तय नहीं है। जैसे ही वह तय होगा, उसके आगे या पीछे एक दिन विल नगर के लिए भी निश्चित ही रहेगा। शेष शुभ। वहां सबको मेरे प्रणाम।

रजनीश के प्रणाम

६/८/१९६७


See also
Letters to Pratap ~ 12 - The event of this letter.