Letter written to Ma Yoga Sohan on 16 Sep 1965. It is unknown if it has been published or not.
आचार्य रजनीश
प्यारी सोहन,
भारत-पाक युद्ध से पैदा हुये अशांत वातावरण के कारण अक्तूबर में होने वाला साधना शिविर स्थगित करना पड़ा है। माणिक बाबू को कहना कि यदि पूना के मित्र चाहें तो ८, ९, १० अक्तूबर को पूना में एक त्रिदिवसीय ' सत्संग 'रखा जासकता हैं। एैसे सत्संग सारे देश के बड़े नगरों में रखने का विचार बना है। पूना से ही उद्घाटन करने का विचार है। शिविर में थोड़े से ही मित्र लाभ लेपाते हैं। ' सत्संग ' में हजारों लोग सम्मिलित होसकेंगे। सत्संग तीन दिनों का होगा और सुबह ८ से ९ तक व्याख्यान रहेगा तथा रात्रि में ८ से ९ प्रश्नोत्तर और ९ से ९।। सामूहिक ध्यान (बैठकर ही) ।जितने अधिक लोगों के बैठने की व्यवस्था हो उतना ही अच्छा है। जैसा तय हो शीघ्र मुझे लिखना क्योंकि उसके बाद ही मैं अक्तूबर के अन्य कार्यक्रम तय करूँगा। शेष शुभ। माणिक बाबू को प्रेम। बच्चों को आशीष।
रजनीश के प्रणाम
प्रभातः
१६/९/१९६५
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