Letter written on 20 Feb 1969
Letter written to Sw Anand Maitreya, whom Osho addressed as Mathura Babu, on 20 Feb 1969. It has been published in Ghoonghat Ke Pat Khol (घूंघट के पट खोल) as letter 26.
acharya rajneesh kamala nehru nagar : jabalpur (m.p.). phone : 2957 प्रिय मथुरा बाबू, और मन की जो स्थिति है, शुभ है। लेकिन, शुभ है उसे अतिक्रमण (transcard)करने के एक अवसर की भांति। वस्तुतः तो जो है, सो बस अवसर है। वह क्या है, यह महत्वपूर्ण नहीं है। वह क्या हो सकता है, बस यही महत्वपूर्ण है। सत्य के पूर्व शेष सब संभावना है। और प्रत्येक संभावना सत्य के लिए व्दार है। ऐसी कोई संभावना ही नहीं है, जो कि सत्य के लिए अवसर न बन सके। इसलिए निराश होने का कोई भी कारण नहीं है। क्योंकि, निराशा भी आशा की अप्रगट दशा है। रात्रि में सुबह का आवास है। और मृत्यु में जीवन का। और आत्मघात के भाव में आत्म - साधना का अंकुर है। शेष मिलने पर। वहां सबको प्रणाम रजनीश के प्रणाम २०/२/१९६९
और आपने भी पटने के लिए समय चाहा है। इसलिए मैं उन्हें स्वीकृत्ति भेज रहा हूँ। २९ मार्च की सुबह मैं पटना पहुँचूंगा और १ अप्रैल की रात्रि लौटूंगा। आप श्री० आर. आर. रस्तोगी तथा अन्य संयोजकों से मिलकर मेरा व्यवस्थित कार्यक्रम तय कर लेना। कही मेरा समय व्यर्थ ही जाया न हो। उनका पता हैः रस्तोगी भवन, कदम कुंआ, पटना-३। फोनः २६७७०। आप उनसे मिलकर पत्र लिखना कि मेरा क्या उपयोग वहां होसकता है। |
- See also
- Ghoonghat Ke Pat Khol ~ 026 - The event of this letter.