Geeta-Darshan (गीता-दर्शन) (series)
- ओशो ने श्रीमदभगवदगीता के अठारह अध्यायों पर अमृत-प्रवचन दिए हैं जिसके 8 खंड हैं। सद्गुरु ने इन पुस्तकों में जीवन के हर विषयों के साथ-साथ योग और ध्यान पर प्रवचन दिए हैं। प्रथम और द्वितीय भाग में विषादयोग, ‘सांख्ययोग, कर्मयोग, ज्ञान-कर्म-संन्यास-योग, कर्म-संन्यास-योग’ पर अपने अनमोल प्रवचनों को दिया है वहीं भाग तीन तथा चार में ‘आत्म-संयम-योग, ज्ञान-विज्ञान-योग, अक्षर-ब्रह्म-योग, तथा राजविद्या-राजगुह्य-योग’ पर प्रवचनों की अमृत-वर्षा की है। भाग पांच, छः तथा सात में ‘विभूति-योग, विश्वरूप-दर्शन-योग, भक्ति-योग, क्षेत्र-क्षेत्रज्ञ-विभाग-योग, पुरुषोत्तम-योग, दैव-असुर-संपद-विभाग-योग तथा आठवें भाग में श्रद्धात्रय-विभाग-योग एवं मोक्ष-संन्यास-योग में बत्तीस प्रवचन दिए हैं। ओशो का और उनके प्रवचनों का एक करिश्मा है जो गीता-दर्शन के हर एक भाग में आपको देखने को मिलेगा और एक बार उनकी एक पुस्तक हाथ में ली तो उनकी दूसरी पुस्तकों की ओर जाने की इच्छा को रोक नहीं पाएंगे।
- notes
- Osho's discourses in Hindi on the Bhagavad Gita were given in the early 70's over a period of several years, and published in Hindi as a series of 8 volumes :
- Gita Darshan, Vol 1 (गीता दर्शन, भाग एक)
- Gita Darshan, Vol 2 (गीता दर्शन, भाग दो)
- Gita Darshan, Vol 3 (गीता दर्शन, भाग तीन)
- Gita Darshan, Vol 4 (गीता दर्शन, भाग चार)
- Gita Darshan, Vol 5 (गीता दर्शन, भाग पाँच)
- Gita Darshan, Vol 6 (गीता दर्शन, भाग छह)
- Gita Darshan, Vol 7 (गीता दर्शन, भाग सात)
- Gita Darshan, Vol 8 (गीता दर्शन, भाग आठ)
- time period of Osho's original talks/writings
- (unknown)
- number of discourses/chapters
editions
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