Letter written on 7 Mar 1971 (Ageh)
Letter written to Sw Ageh Bharti on 7 Mar 1971. It is unknown if it has been published or not.
acharya rajneesh A-1 WOODLAND PEDDAR ROAD BOMBAY-26. PHONE: 382184 प्रिय अगेह भारती, ध्यान के अतिरिक्त शेष समय में भी ध्यान की स्मृति (Remembering) बनाये रखो। जब भी स्मरण आये -- क्षणभर को तत्काल भीतर डुबकी ले लो। मस्तिष्क में शीतलता और भी बढ़ेगी। उससे घबड़ाना मत -- बिल्कुल बर्फ जमी हुई मालुम होने लगे तो भी नहीं। रीढ़ में संवेदना गहरी होगी और कभी-कभी अनायास कहीं कहीं दर्द भी उभरेगा। उसे साक्षी-भाव से देखते रहना है। वह आयेगा और अपना काम करके विदा होजायेगा। नये चक्र सक्रिय होते हैं तो दर्द होता ही है। और कुछ भी हो तो ध्यान को नहीं रोकना है। जो भी ध्यान से पैदा होता है, वह ध्यान से ही विदा होजाता है। रजनीश के प्रणाम ७/३/१९७१ |
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- Letters to Sw Ageh Bharti ~ 02 - The event of this letter.