Talk:Rom Rom Ras Peejiye (रोम रोम रस पीजिए)
- प्रवचन (TOC):
- 1. रोम रोम रस पीजिए
- 2. अज्ञान का बोध
- 3. बच्चों को विस्वास नहीं जिज्ञासा सिखाएं
- 4. झूठे धर्मों की विदाई, सच्चे धर्म का जन्म
- 5. धर्म है आत्मस्मरण
- 6. आध्यात्मिक विकास में चरित्रमात्र का विकास
- 7. दूसरे पर श्रद्धा आत्म-अश्रद्धा की घोषणा है
- 8. आदमी की एकमात्र कमजोरी: अहंकार
- 9. मन के मंदिर में ध्यान का दीया