Talk:Lagan Mahurat Jhooth Sab (लगन महूरत झूठ सब)

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प्रवचन (TOC):
1. यह क्षण है द्वार प्रभु का
2. कच्ची कंध उते काना ऐ
3. मैं सदैव परम, प्रत्यक्ष व उपलब्ध हूं
4. संसार से पलायान नहीं, मन का रूपांतरण
5. मेरे संन्यासी तो मेरे हिस्से हैं
6. अद्वैत की अनुभूति ही संन्यास है
7. गुरु स्वयं को भी उपाय बना लेता है
9. योग ही आनंद है
10. समर्पण ही सत्संग है