Moulik Kranti (मौलिक क्रान्ति)
- मूल पुस्तक ‘चित्र चकमक लागै नहीं’ और ‘अपने माहिं टटोल’ के पंद्रह अमृत प्रवचनों का संकलन है यह पुस्तक।
- ओशो का जीवंत संदेश है, प्रेम। बस प्रेम। प्रेम प्रर्याप्त है। प्रेम से ही चित्त में चकमक लगेगी, रूपांतरण होगा।और तुम अनुभव कर लोगे ओशो के उपर्युक्त वचनों, को उनके जीवन-स्वीकार प्रेम का, उनके प्रेमपूर्ण समग्र-स्वीकार को। और तब खिलेंगे प्रेम के फूल।
- और तब उठेगी चिर-परिचित सुवास-सच्चिदानंद की।
- notes
- Originally published as ch.1-6 of Chit Chakmak Lage Nahin (चित चकमक लागै नहीं) and 8 chapters of Apne Mahin Tatol (अपने माहिं टटोल).
- time period of Osho's original talks/writings
- (unknown)
- number of discourses/chapters
- 15
editions
Moulik Kranti (मौलिक क्रान्ति)
| |
Moulik Kranti (मौलिक क्रान्ति)
|