Letter written on 20 Jan 1966: Difference between revisions

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Letter written to [[Sw Yoga Manik|Manik Babu]], husband of [[Ma Yoga Sohan]], on 20 Jan 1966. It is unknown if it has been published or not.


Letter written to [[Sw Yoga Manik|Manik Babu]], husband of [[Ma Yoga Sohan]], on 20 Jan 1966. It is unknown if it has been published or not. We are awaiting a transcription and translation.
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Acharya Rajnish
 
Jeevan Jagruti Kendra, 115, Napiar Town, Jabalpur (M.P.)
 
२०/१/१९६६
 
प्रिय माणिक बाबू,<br>
प्रेम।<br>
आपका पत्र मिला है। जब सबका प्रेम मिल जाताहै तो मेरी थकान निकल जाती है।
 
नंदुरबार जा रहा हूँ। जलगांव का अभी तय नहीं है। सोहन को नंदुरबार बुला लेता लेकिन २६ जन. को आप गृहप्रवेश की रस्म करेंगे तो उसका वहीं रहना आवश्यक है, इसलिए उसके बिना ही चला लूंगा। पर २ फ़रवरी को असुविधा न हो तो उसे बम्बई भेजदें। शेष शुभ। बच्चों को आशीष।
 
मैं स्वस्थ हूँ और आनंद, में हूँ।
 
रजनीश के प्रणाम
 
 
पुनश्चः श्री. रमणभाई ने मुझसे कहा था कि पूना में कोई मित्र ' क्रांति बीज ' का मराठी रूपांतर कर रहे हैं और उन्होंने करीब करीब पूरा भी कर लियाहै। यदि ऐसा न हो तो मुझे लिखें तो श्री. जवाहरलाल मुत्था, अहमदनगर को अनुवाद के लिए कहा जासके। और यदि अनुवाद होगया हो, तब तो कोई प्रश्न ही नहीं है।
 
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Revision as of 09:19, 3 March 2020

Letter written to Manik Babu, husband of Ma Yoga Sohan, on 20 Jan 1966. It is unknown if it has been published or not.

Acharya Rajnish

Jeevan Jagruti Kendra, 115, Napiar Town, Jabalpur (M.P.)

२०/१/१९६६

प्रिय माणिक बाबू,
प्रेम।
आपका पत्र मिला है। जब सबका प्रेम मिल जाताहै तो मेरी थकान निकल जाती है।

नंदुरबार जा रहा हूँ। जलगांव का अभी तय नहीं है। सोहन को नंदुरबार बुला लेता लेकिन २६ जन. को आप गृहप्रवेश की रस्म करेंगे तो उसका वहीं रहना आवश्यक है, इसलिए उसके बिना ही चला लूंगा। पर २ फ़रवरी को असुविधा न हो तो उसे बम्बई भेजदें। शेष शुभ। बच्चों को आशीष।

मैं स्वस्थ हूँ और आनंद, में हूँ।

रजनीश के प्रणाम


पुनश्चः श्री. रमणभाई ने मुझसे कहा था कि पूना में कोई मित्र ' क्रांति बीज ' का मराठी रूपांतर कर रहे हैं और उन्होंने करीब करीब पूरा भी कर लियाहै। यदि ऐसा न हो तो मुझे लिखें तो श्री. जवाहरलाल मुत्था, अहमदनगर को अनुवाद के लिए कहा जासके। और यदि अनुवाद होगया हो, तब तो कोई प्रश्न ही नहीं है।


See also
Letters to Manik ~ 05 - The event of this letter.
Letters to Sohan and Manik - Overview page of these letters.