Letter written on 24 Dec 1965

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Letter written to Ma Yoga Sohan and is undated. See Talk:Letters to Sohan and Manik.

It is unknown if it has been published or not.

Acharya Rajnish
Jeevan Jagruti Kendra, 115, Napier Town, Jabalpur (M. P.)

प्रिय सोहन,
प्रेम। रोज तेरे पत्र की प्रतीक्षा है। पर तू काम में होगी -- बच्चों की परीक्षा होसकती है ! -- और भी बहुत से काम होसकते हैं, शायद इसलिए ही पत्र लिखने का समय न मिलता होगा ?

मैं कल यहाँ से चांदा जा रहा हूँ। २५ और २६ दिस. वहां रहूँगा। २७ दि. को वर्धा और २८ दि.३.४० दोपहर, नागपुर-बम्बई एक्सप्रेस से बम्बई पहुँचूंगा। बम्बई से ३१ दि. की संध्या ५.१५ प्लेन से दिल्ली जाऊँगा। दिल्ली एरोड्रोम से सीधा ही कार से फिरोजाबाद (आगरा) जाना है। रात्रि में १२ -१२!! वहां पहुँचूंगा। १ जन. वहां दो व्याख्यान रखे हैं। उसी रात्रि आगरा चला जाऊँगा और वहां से २ जन. को जबलपुर के लिए निकलूंगा। ३ जन. को यहां पहुँचना है। फिर ४ जन. को गढ़ाकोटा (सागर) जारहा हूँ।

कांति भी कल पूना के लिए निकलेगी।

माणिक बाबू को प्रेम। बच्चों को आशीष।

रजनीश के प्रणाम


See also
Letters to Sohan ~ 104 - The event of this letter.
Letters to Sohan and Manik - Overview page of these letters.