Letter written on 8 Sep 1965: Difference between revisions

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Letter written to [[Ma Yoga Sohan]] on 8 Sep 1965. It is unknown if it has been published or not.


Letter written to [[Ma Yoga Sohan]] on 8 Sep 1965. It is unknown if it has been published or not. We are awaiting a transcription and translation.
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Acharya Rajnish
 
Jeevan Jagruti Kendra, 115, Napiar Town, Jabalpur (M.P.)
 
सोहन,<br>
प्रिय ! तेरा पत्र मिला है। मेरा स्वास्थ्य तो बिल्कुल ठीक है लेकिन डॉक्टर दिल्ली जाने की अनुमति नहीं देरहे हैं। विवशता में ही इंदौर-दिल्ली का कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा है। उस संबंध में दिया तार भी तुझे मिल गया होगा। उसके कारण कोई चिन्ता न करना। अब तो अक्तूबर में हो तू मिल सकेगी ? तूने लिखा है कि तू दूर है और मेरे लिए कुछ भी नहीं कर पारही है ? पर मुझे तो बहुत निकट लगतीहै और तेरी शुभकामनायें मेरे प्राणोंमें गूंजती हैं।
 
माणिक बाबू को प्रेम। बच्चों को शुभाशीष। पूना की स्थिति तो अब ठीक है न ? तेरे पूना के लिए रोज समाचार पत्र देखने पड़ रहे हैं ?
 
रजनीश के प्रणाम
 
८ सित. १९६५
 
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Revision as of 08:53, 28 February 2020

Letter written to Ma Yoga Sohan on 8 Sep 1965. It is unknown if it has been published or not.

Acharya Rajnish

Jeevan Jagruti Kendra, 115, Napiar Town, Jabalpur (M.P.)

सोहन,
प्रिय ! तेरा पत्र मिला है। मेरा स्वास्थ्य तो बिल्कुल ठीक है लेकिन डॉक्टर दिल्ली जाने की अनुमति नहीं देरहे हैं। विवशता में ही इंदौर-दिल्ली का कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा है। उस संबंध में दिया तार भी तुझे मिल गया होगा। उसके कारण कोई चिन्ता न करना। अब तो अक्तूबर में हो तू मिल सकेगी ? तूने लिखा है कि तू दूर है और मेरे लिए कुछ भी नहीं कर पारही है ? पर मुझे तो बहुत निकट लगतीहै और तेरी शुभकामनायें मेरे प्राणोंमें गूंजती हैं।

माणिक बाबू को प्रेम। बच्चों को शुभाशीष। पूना की स्थिति तो अब ठीक है न ? तेरे पूना के लिए रोज समाचार पत्र देखने पड़ रहे हैं ?

रजनीश के प्रणाम

८ सित. १९६५


See also
Letters to Sohan ~ 038 - The event of this letter.
Letters to Sohan and Manik - Overview page of these letters.