Shunyata Hai Mahamukti (शून्यता है महामुक्ति)
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- ओशो द्वारा सूफी, झेन एवं उपनिषद की कहानियों एवं बोध-कथाओं पर दिए गए सुबोधगम्य 19 अमृत-प्रवचनों की श्रृंखला 'बिन बाती बिन तेल' में से संकलित पांच (11 से 15) प्रवचन जिसके अनुसार झेन फकीर कहते हैं, संन्यासी ऐसा हो जाता है जैसे वृक्ष की छाया। संन्यासी अपने को हटा लेता है दूसरों के मार्ग से। वह शोरकुल नहीं करता। वह किसी को बाधा नहीं देता। वह छाया की भांति हो जाता है। डोलता जरूर है, लेकिन धूल हिलती नहीं। ऐसा- नहीं जैसा हो जाने का नाम संन्यास है। और वहीं कुंजी है संसार के बाहर जाने की। तुम संन्यस्त हुए कि जिनने तुम्हें कारागृह में बांधा है, वे द्वार खोल देंगे। अगर वे द्वार अभी भी बंद किए हैं तो उसका मतलब इतना है कि तुम अभी भी बैठ जागे, जीवन से भरे, इच्छा से भरे बैठे हो।
- notes
- Originally published as ch.11-15 of Bin Bati Bin Tel (बिन बाती बिन तेल).
- time period of Osho's original talks/writings
- Jul 1, 1974 to Jul 5, 1974 : timeline
- number of discourses/chapters
- 5 (see table of contents)
editions
Shunyata Hai Mahamukti (शून्यता है महामुक्ति)
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Shunyata Hai Mahamukti (शून्यता है महामुक्ति)
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table of contents
editions 1991 and later Diamond ed. on unknown year chapter titles |
discourses | |||||||
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event | location | duration | media | |||||
1 | मृत्यु : जीवन का द्वार | 1 Jul 1974 am | Lao Tzu balcony, Poona | 1h 8min | audio | |||
2 | पृथ्वी में जड़ें, आकाश में पंख | 2 Jul 1974 am | Lao Tzu balcony, Poona | 1h 5min | audio | |||
3 | प्रयास नहीं, प्रसाद | 3 Jul 1974 am | Lao Tzu balcony, Poona | 1h 9min | audio | |||
4 | जो जगाये, वही गुरु | 4 Jul 1974 am | Lao Tzu balcony, Poona | 1h 17min | audio | |||
5 | आखिरी भोजन हो गया ? | 5 Jul 1974 am | Lao Tzu balcony, Poona | 1h 6min | audio |