Talk:Dhyan Vigyan (ध्यान विज्ञान): Difference between revisions

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<pre>
;Sources
अनुक्रम
 
सुबह के समय करने वाली ध्यान विधियां
{| class="wikitable"
#1: सूर्योदय की प्रतीक्षा
! TOC of 2003 !! Compiled from event
#2: उगते सूरज की प्रशंसा में
|-
#3: सक्रिय ध्यान
| ध्यान की भूमिका || [by editor]
#4: मंडल ध्यान
|-
#5: तकिया पीटना
| ध्यान : जीवन का सबसे बड़ा आनंद || unknown
#6: कुत्ते की तरह हांफना
|-
#7: नटराज ध्यान
| ध्यान की जगह || unknown
#8: इस क्षण में जीना
|-
#9: स्टॉप! ध्यान
| ध्यान की विधि कैसे चुनें || unknown
#10: कार्य -- ध्यान की तरह
|-
#11: सृजन में डूब जाएं
| colspan="2" | '''Part I. सुबह के समय करने वाली ध्यान विधियां'''
#12: गैर-यांत्रिक होना ही रहस्य है
|-
#13: साधारण चाय का आनंद
| 1. सूर्योदय की प्रतीक्षा ||
#14: शांत प्रतीक्षा
|-
#15: कभी अचानक ऐसे हो जाएं जैसे नहीं हैं
| 2. उगते सूरज की प्रशंसा में ||
#16: 'मैं यह नहीं हूं'
|-
#17: अपने विचार लिखना
| 3. सक्रिय ध्यान ||
#18: विनोदी चेहरे
|-
#19: पृथ्वी से संपर्क
| 4. मंडल ||
#20: श्वास को शिथिल करो
|-
#21: इस व्यक्ति को शांति मिले
| 5. तकिया पीटना ||
#22: तनाव विधि
|-
#23: विपरीत पर विचार
| 6. कुत्ते की तरह हांफना ||
#24: 'अद्वैत'
|-
#25: 'हां' का अनुसरण
| 7. नटराज ||
#26: वृक्ष से मैत्री
|-
#27: 'क्या तुम यहां हो'?
| 8. इस क्षण में जीना ||
#28: निष्क्रिय ध्यान
|-
#29: आंधी के बाद की निस्तब्धता
| 9. स्टॉप! ||
#30: निश्चल ध्यानयोग
|-
दिन के समय करने वाली ध्यान विधियां
| 10. कार्य--ध्यान की तरह ||
#31: स्वप्न में सचेतन प्रवेश
|-
#32: यौन-मुद्रा : काम-ऊर्जा के ऊर्ध्वगमन की एक सरल विधि
| 11. सृजन में डूब जाएं ||
#33: मूलबंध : ब्रह्मचर्य-उपलब्धि की सरलतम विधि
|-
#34: कल्पना-भोग
| 12. गैर-यांत्रिक होना ही रहस्य है ||
#35: मैत्री : प्रभु-मंदिर का द्वार
|-
#36: शांति-सूत्र : नियति की स्वीकृति
| 13. साधारण चाय का आनंद ||
#37: मौन और एकांत में इक्कीस दिवसीय प्रयोग
|-
#38: प्राण-साधना
| 14. शांत प्रतीक्षा ||
#39: मंत्र-साधना
|-
#40: अंतर्वाणी साधना
| 15. कभी, अचानक ऐसे हो जाएं जैसे नहीं हैं ||
#41: संयम साधना-1
|-
#42: संयम साधना-2
| 16. 'मैं यह नहीं हूं' ||
#43: संतुलन ध्यान-1
|-
#44: संतुलन ध्यान-2
| 17. अपने विचार लिखना ||
#45: श्रेष्ठतम क्षण का ध्यान
|-
#46: 'मैं-तू' ध्यान
| 18. विनोदी चेहरे ||
#47: इंद्रियों को थका डालें
|-
दोपहर के समय करने वाली ध्यान विधियां
| 19. पृथ्वी से संपर्क ||
#48: श्वास : सबसे गहरा मंत्र
|-
#49: भीतरी आकाश का अंतरिक्ष-यात्री
| 20. श्वास को शिथिल करो ||
#50: आकाश सा विराट एवं अणु सा छोटा
|-
#51: 'एक' का अनुभव
| 21. 'इस व्यक्ति को शांति मिले' ||
#52: आंतरिक मुस्कान
|-
#53: 'ओशो'
| 22. तनाव विधि ||
#54: देखना ही ध्यान है
|-
#55: शब्दों के बिना देखना
| 23. विपरीत पर विचार ||
#56: मौन का रंग
|-
#57: सिरदर्द को देखना
| 24. 'अद्वैत' ||
#58: ऊर्जा का स्तंभ
|-
#59: गर्भ की शांति
| 25. 'हां' का अनुसरण ||
संध्या के समय करने वाली ध्यान विधियां
|-
#60: कुंडलिनी ध्यान
| 26. वृक्ष से मैत्री ||
#61: झूमना
|-
#62: सामूहिक नृत्य
| 27. 'क्या तुम यहां हो?' ||
#63: वृक्ष के समान नृत्य
|-
#64: हाथों से नृत्य
| 28. निष्क्रिय ध्यान ||
#65: सूक्ष्म पर्तों को जगाना
|-
#66: गीत गाओ
| 29. आंधी के बाद की निस्तब्धता ||
#67: गुंजन
|-
#68: नादब्रह्म ध्यान
| 30. निश्चल ध्यानयोग ||
#69: स्त्री-पुरुष जोड़ों के लिए नादब्रह्म
|-
#70: कीर्तन
| colspan="2" | '''Part II. दिन के समय करने वाली ध्यान विधियां'''
#71: सामूहिक प्रार्थना
|-
#72: मुर्दे की भांति हो जाएं
| 31. स्वप्न में सचेतन प्रवेश ||
#73: अग्निशिखा
|-
रात के समय करने वाली ध्यान विधियां
| 32. यौन-मुद्रा : काम-ऊर्जा के ऊर्ध्वगमन की एक सरल विधि ||
#74: प्रकाश पर ध्यान
|-
#75: बुद्धत्व का अवलोकन
| 33. मूलबंध : ब्रह्मचर्य-उपलब्धि की सरलतम विधि ||
#76: तारे का भीतर प्रवेश
|-
#77: चंद्र ध्यान
| 34. कल्पना-भोग ||
#78: ब्रह्मांड के भाव में सोने जाएं
|-
#79: सब काल्पनिक है
| 35. मैत्री : प्रभु-मंदिर का द्वार ||
#80: ध्यान के भीतर ध्यान
|-
#81: पशु हो जाएं
| 36. शांति-सूत्र : नियति की स्वीकृति ||
#82: नकारात्मक हो जाएं
|-
#83: 'हां, हां, हां'
| 37. मौन और एकांत में इक्कीस दिवसीय प्रयोग ||
#84: एक छोटा, तीव्र कंपन
|-
#85: अपने कवच उतार दो
| 38. प्राण-साधना ||
#86: जीवन और मृत्यु ध्यान
|-
#87: बच्चे की दूध की बोतल
| 39. मंत्र-साधना ||
#88: भय में प्रवेश
|-
#89: अपनी शून्यता में प्रवेश
| 40. अंतर्वाणी साधना ||
#90: गर्भ में वापस लौटना
|-
#91: आवाजें निकालना
| 41. संयम साधना-1 ||
#92: प्रार्थना ध्यान
|-
#93: लातिहान ध्यान
| 42. संयम साधना-2 ||
#94: गौरीशंकर ध्यान
|-
#95: देववाणी ध्यान
| 43. संतुलन ध्यान-1 ||
#96: प्रेम
|-
#97: झूठे प्रेम खो जाएंगे
| 44. संतुलन ध्यान-2 ||
#98: प्रेम को फैलाएं
|-
#99: प्रेमी-युगल एक-दूसरे में घुलें-मिलें
| 45. श्रेष्ठतम क्षण का ध्यान ||
#100: प्रेम के प्रति समर्पण
|-
#102: कृत्यों में साक्षी-भाव
| 46. 'मैं--तू' ध्यान ||
#103: बहना, मिटना, तथाता ध्यान
|-
#104: अंधकार, अकेले होने, और मिटने का बोध
| 47. इंद्रियों को थका डालें ||
#105: स्वेच्छा से मृत्यु में प्रवेश
|-
#106: सजग मृत्यु और शरीर से अलग होने की विधि
| colspan="2" | '''Part III. दोपहर के समय करने वाली ध्यान विधियां'''
#107: मृतवत हो जाना
|-
#108: जाति-स्मरण के प्रयोग
| 48. श्वास : सबसे गहरा मंत्र ||
#109: अंतर्प्रकाश साधना
|-
#110: शिवनेत्र
| 49. भीतरी आकाश का अंतरिक्ष-यात्री ||
#111: त्राटक -- एकटक देखने की विधि
|-
#112: त्राटक ध्यान-1
| 50. आकाश सा विराट एवं अणु सा छोटा ||
#113: त्राटक ध्यान-2
|-
#114: त्राटक ध्यान-3
| 51. एक का अनुभव ||
#115: रात्रि-ध्यान
|-
</pre>
| 52. आंतरिक मुस्कान ||
|-
| 53. ओशो ||
|-
| 54. देखना ही ध्यान है ||
|-
| 55. शब्दों के बिना देखना ||
|-
| 56. मौन का रंग ||
|-
| 57. सिरदर्द को देखना ||
|-
| 58. ऊर्जा का स्तंभ ||
|-
| 59. गर्भ की शांति ||
|-
| colspan="2" | '''Part IV. संध्या के समय करने वाली ध्यान विधियां'''
|-
| 60. कुंडलिनी ||
|-
| 61. झूमना ||
|-
| 62. सामूहिक नृत्य ||
|-
| 63. वृक्ष के समान नृत्य ||
|-
| 64. हाथों से नृत्य ||
|-
| 65. सूक्ष्म पर्तों को जगाना ||
|-
| 66. गीत गाओ ||
|-
| 67. गुंजन ||
|-
| 68. नादब्रह्म ||
|-
| 69. स्त्री-पुरुष जोड़ों के लिए नादब्रह्म ||
|-
| 70. कीर्तन ||
|-
| 71. सामूहिक प्रार्थना ||
|-
| 72. मुर्दे की भांति हो जाएं ||
|-
| 73. अग्निशिखा ||
|-
| colspan="2" | '''Part V. रात के समय करने वाली ध्यान विधियां'''
|-
| 74. प्रकाश पर ध्यान ||
|-
| 75. बुद्धत्व का अवलोकन ||
|-
| 76. तारे का भीतर प्रवेश ||
|-
| 77. चंद्र ध्यान ||
|-
| 78. ब्रह्मांड के भाव में सोने जाएं ||
|-
| 79. सब काल्पनिक है ||
|-
| 80. ध्यान के भीतर ध्यान ||
|-
| 81. पशु हो जाएं ||
|-
| 82. नकारात्मक हो जाएं ||
|-
| 83. 'हां, हां, हां' ||
|-
| 84. एक छोटा, तीव्र कंपन ||
|-
| 85. अपने कवच उतार दो ||
|-
| 86. जीवन और मृत्यु ध्यान ||
|-
| 87. बच्चे की दूध की बोतल ||
|-
| 88. भय में प्रवेश ||
|-
| 89. अपनी शून्यता में प्रवेश ||
|-
| 90. गर्भ में वापस लौटना ||
|-
| 91. आवाजें निकालना ||
|-
| 92. प्रार्थना ||
|-
| 93. लातिहान ||
|-
| 94. गौरीशंकर ||
|-
| 95. देववाणी ||
|-
| 96. प्रेम ||
|-
| 97. झूठे प्रेम खो जाएंगे ||
|-
| 98. प्रेम को फैलाएं ||
|-
| 99. प्रेमी-युगल एक-दूसरे में घुलें-मिलें ||
|-
| 100. प्रेम के प्रति समर्पण ||
|-
| 101. प्रेम-कृत्य को अपने आप होने दो ||
|-
| 102. कृत्यों में साक्षी-भाव ||
|-
| 103. बहना, मिटना, तथाता ||
|-
| 104. अंधकार, अकेले होने, और मिटने का बोध ||
|-
| 105. स्वेच्छा से मृत्यु में प्रवेश ||
|-
| 106. सजग मृत्यु और शरीर से अलग होने की विधि ||
|-
| 107. मृतवत हो जाना ||
|-
| 108. जाति-स्मरण के प्रयोग ||
|-
| 109. अंतर्प्रकाश साधना ||
|-
| 110. शिवनेत्र ||
|-
| 111. त्राटक--एकटक देखने की विधि ||
|-
| 112. त्राटक ध्यान-1 ||
|-
| 113. त्राटक ध्यान-2 ||
|-
| 114. त्राटक ध्यान-3 ||
|-
| 115. रात्रि-ध्यान ||
|-
| परिशिष्ट ||
|-
| ओशो--एक परिचय ||
|-
| एक निमंत्रण ||
|-
| ओशो का हिंदी साहित्य ||
|}

Revision as of 11:36, 19 February 2021

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Sources
TOC of 2003 Compiled from event
ध्यान की भूमिका [by editor]
ध्यान : जीवन का सबसे बड़ा आनंद unknown
ध्यान की जगह unknown
ध्यान की विधि कैसे चुनें unknown
Part I. सुबह के समय करने वाली ध्यान विधियां
1. सूर्योदय की प्रतीक्षा
2. उगते सूरज की प्रशंसा में
3. सक्रिय ध्यान
4. मंडल
5. तकिया पीटना
6. कुत्ते की तरह हांफना
7. नटराज
8. इस क्षण में जीना
9. स्टॉप!
10. कार्य--ध्यान की तरह
11. सृजन में डूब जाएं
12. गैर-यांत्रिक होना ही रहस्य है
13. साधारण चाय का आनंद
14. शांत प्रतीक्षा
15. कभी, अचानक ऐसे हो जाएं जैसे नहीं हैं
16. 'मैं यह नहीं हूं'
17. अपने विचार लिखना
18. विनोदी चेहरे
19. पृथ्वी से संपर्क
20. श्वास को शिथिल करो
21. 'इस व्यक्ति को शांति मिले'
22. तनाव विधि
23. विपरीत पर विचार
24. 'अद्वैत'
25. 'हां' का अनुसरण
26. वृक्ष से मैत्री
27. 'क्या तुम यहां हो?'
28. निष्क्रिय ध्यान
29. आंधी के बाद की निस्तब्धता
30. निश्चल ध्यानयोग
Part II. दिन के समय करने वाली ध्यान विधियां
31. स्वप्न में सचेतन प्रवेश
32. यौन-मुद्रा : काम-ऊर्जा के ऊर्ध्वगमन की एक सरल विधि
33. मूलबंध : ब्रह्मचर्य-उपलब्धि की सरलतम विधि
34. कल्पना-भोग
35. मैत्री : प्रभु-मंदिर का द्वार
36. शांति-सूत्र : नियति की स्वीकृति
37. मौन और एकांत में इक्कीस दिवसीय प्रयोग
38. प्राण-साधना
39. मंत्र-साधना
40. अंतर्वाणी साधना
41. संयम साधना-1
42. संयम साधना-2
43. संतुलन ध्यान-1
44. संतुलन ध्यान-2
45. श्रेष्ठतम क्षण का ध्यान
46. 'मैं--तू' ध्यान
47. इंद्रियों को थका डालें
Part III. दोपहर के समय करने वाली ध्यान विधियां
48. श्वास : सबसे गहरा मंत्र
49. भीतरी आकाश का अंतरिक्ष-यात्री
50. आकाश सा विराट एवं अणु सा छोटा
51. एक का अनुभव
52. आंतरिक मुस्कान
53. ओशो
54. देखना ही ध्यान है
55. शब्दों के बिना देखना
56. मौन का रंग
57. सिरदर्द को देखना
58. ऊर्जा का स्तंभ
59. गर्भ की शांति
Part IV. संध्या के समय करने वाली ध्यान विधियां
60. कुंडलिनी
61. झूमना
62. सामूहिक नृत्य
63. वृक्ष के समान नृत्य
64. हाथों से नृत्य
65. सूक्ष्म पर्तों को जगाना
66. गीत गाओ
67. गुंजन
68. नादब्रह्म
69. स्त्री-पुरुष जोड़ों के लिए नादब्रह्म
70. कीर्तन
71. सामूहिक प्रार्थना
72. मुर्दे की भांति हो जाएं
73. अग्निशिखा
Part V. रात के समय करने वाली ध्यान विधियां
74. प्रकाश पर ध्यान
75. बुद्धत्व का अवलोकन
76. तारे का भीतर प्रवेश
77. चंद्र ध्यान
78. ब्रह्मांड के भाव में सोने जाएं
79. सब काल्पनिक है
80. ध्यान के भीतर ध्यान
81. पशु हो जाएं
82. नकारात्मक हो जाएं
83. 'हां, हां, हां'
84. एक छोटा, तीव्र कंपन
85. अपने कवच उतार दो
86. जीवन और मृत्यु ध्यान
87. बच्चे की दूध की बोतल
88. भय में प्रवेश
89. अपनी शून्यता में प्रवेश
90. गर्भ में वापस लौटना
91. आवाजें निकालना
92. प्रार्थना
93. लातिहान
94. गौरीशंकर
95. देववाणी
96. प्रेम
97. झूठे प्रेम खो जाएंगे
98. प्रेम को फैलाएं
99. प्रेमी-युगल एक-दूसरे में घुलें-मिलें
100. प्रेम के प्रति समर्पण
101. प्रेम-कृत्य को अपने आप होने दो
102. कृत्यों में साक्षी-भाव
103. बहना, मिटना, तथाता
104. अंधकार, अकेले होने, और मिटने का बोध
105. स्वेच्छा से मृत्यु में प्रवेश
106. सजग मृत्यु और शरीर से अलग होने की विधि
107. मृतवत हो जाना
108. जाति-स्मरण के प्रयोग
109. अंतर्प्रकाश साधना
110. शिवनेत्र
111. त्राटक--एकटक देखने की विधि
112. त्राटक ध्यान-1
113. त्राटक ध्यान-2
114. त्राटक ध्यान-3
115. रात्रि-ध्यान
परिशिष्ट
ओशो--एक परिचय
एक निमंत्रण
ओशो का हिंदी साहित्य