Talk:Patanjali Yog-Sutra, Bhag 2 (पतंजलि योग-सूत्र, भाग दो)
TOC:
- 1. निद्राकालीन जागरूकता
- 2. जागरूकता की कीमिया
- 3. सवितर्क समाधिः परिधि और केन्द्र के बीच
- 4. प्रयास, अप्रयास और ध्यान
- 5. सूक्ष्मतर समाधियांः निर्वितर्क, सविचार, निर्विचार
- 6. योगः छलांग के लिए तैयारी
- 7. निर्विचार समाधि और ऋतम्भरा प्रज्ञा
- 8. शिष्य का पकनाः गुरु का मिलना
- 9. निर्विचार समाधि से अंतिम छलांग...
- 10. जीवन को बनाओ एक उत्सव
- 11. सहजता- स्वाध्याय- विसर्जन
- 12. संवेदनशीलता, उत्सव और स्वीकार
- 13. दुख का मूलः होश का अभाव और तादात्म्य
- 14. मन का मिटना और स्वभाव की पहचान
- 15. प्रतिप्रसवः पुरातन प्राइमल थैरेपी
- 16. पश्चिम को जरूरत है बुद्धों की
- 17. जागरण की अग्नि से अतीत भस्मसात
- 18. बुद्धों के मनोविज्ञान का निर्माण
- 19. दुख मुक्ति- द्रष्टा, दृश्य वियोग से
- 20. उत्सव की कीमियांः विरोधाभासों का संगीत