Talk:Patanjali Yog-Sutra, Bhag 4 (पतंजलि योग-सूत्र, भाग चार)

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TOC:

1. प्रश्न पूछो स्वकेन्द्र के निकट का
2. मन चालाक है
3. आंतरिकता का अंतरंग
4. बीज हो जाओ
5. अस्तित्व के
6. तुम यहां से वहां नहीं पहुंच सकते
7. उदासीन ब्रह्मांड में
8. नहीं और हां के गहनतम तल
9. अनूठे अस्तित्व में
10. खतरे में जीओ
11. मृत्यु और कर्म का रहस्य
12. मैं एक पूर्ण झूठ हूं
13. अंतर-ब्रह्मांड के साक्षी हो जाओ
14. अहंकार अटकाने को खूंटा नहीं
15. सूर्य और चंद्र का सम्मिलन
16. धन्यवाद की कोई आवश्यकता नहीं
17. परमात्मा की भेंट ही अंतिम भेंट
18. जागरूकता की कोई विधि नहीं है
19. बंधन के कारण की शिथिलता
20. जाना कहां है