Mati Kahai Kumhar Sun (माटी कहै कुम्हार सूं)
- ध्यान साधना शिविर, जूनागढ़ में ध्यान-प्रयोगों एवं प्रश्नोत्तर सहित ओशो द्वारा दिए गए चार अमृत प्रवचनों का अपूर्व संकलन
- पश्नोत्तर सहित इस प्रवचनमाला में ओशो ने विचार-क्रांति के अनूठे सूत्र दिए हैं। परंपरा तथा अतीत के बंधनों से मुक्त होकर ही एक नए भविष्य का, एक नए मनुष्य का निर्माण संभव है। इस सत्य का उदघाटन ओशो ने अपने प्रवचनों में किया है।
- notes
- See discussion for a TOC, an exploration of Mati's dates and some miscellaneous stuff.
- time period of Osho's original talks/writings
- Apr 7 1968 to Dec 11 1970 : timeline
- number of discourses/chapters
- 4 / 5 / 7 / 12 ? **
editions
Mati Kahai Kumhar Sun (माटी कहै कुम्हार सूं)
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Mati Kahai Kumhar Sun (माटी कहै कुम्हार सूं)सेक्स जीवन में केन्द्रीय तथ्य है. आपकी निंदा से वह केन्द्र से नहीं हट जाएगा (Seks Jeevan Mein Kendriya Tathya Hai. Apki Nindha Se Vah Kendra Se Nahin Hata Jaega)
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Mati Kahai Kumhar Sun (माटी कहै कुम्हार सूं)सेक्स जीवन में केन्द्रीय तथ्य है. आपकी निंदा से वह केन्द्र से नहीं हट जाएगा (Seks Jeevan Mein Kendriya Tathya Hai. Apki Nindha Se Vah Kendra Se Nahin Hata Jaega)
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