Ram Naam Nij Aushadhi (राम नाम निज औषधि)
- राम नाम निज औषधि, काटै कोटि विकार। विषम व्याधि ये ऊबरै, काया कंचन सार।। “राम-नाम निज औषधि” – औषधि तुम्हारे भीतर है। और तुम कहां-कहां खोजते फिर रहे हो? “निज औषधि” यह तुम्हारी अपनी है तुम्हारे पास है और वह तुम वैद्यों से पूछतें फिर रहे हो। और एक ही औषधि से सारे विकार कट जाते हैं। वह औषधि बड़ी सीधी और सरल है। इस पुस्तक में ओशो द्वारा दादू-वाणी पर दिए गए दस अमृत प्रवचनों के संकलन ‘पिव पिव लागी प्यार’ से लिए गए पांच (1-5) प्रवचन है।
- notes
- See discussion for a TOC.
- Original published as Piv Piv Laagi Pyas (पिव पिव लागी प्यास), ch.1-5.
- time period of Osho's original talks/writings
- (unknown)
- number of discourses/chapters
- 5
editions
Ram Naam Nij Aushadhi (राम नाम निज औषधि)
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Ram Naam Nij Aushadhi (राम नाम निज औषधि)
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Ram Naam Nij Aushadhi (राम नाम निज औषधि)(दादू-वाणी) (Dadu-Vani)
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Ram Naam Nij Aushadhi (राम नाम निज औषधि)(दादू-वाणी) (Dadu-Vani)
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