Gahre Pani Paith (गहरे पानी पैठ)
- तीर्थ है, मंदिर है, उनका सारा का सारा विज्ञान है। और उस पूरे विज्ञान की अपनी सूत्रबद्ध प्रक्रिया है। एक कदम उठाने से दूसरा कदम उठता है, दूसरा उठाने से तीसरा उठता है, तीसरा से चौथा उठता है और परिणाम होता है। एक भी कदम बीच में खो जाए, एक भी सूत्र बीच में खो जाए, तो परिणाम नहीं होता।
- जिन गुप्त तीर्थों की मैं बात कर रहा हूं उनके द्वार हैं, उन तक पहुंचने की व्यवस्थाएं हैं, लेकिन उन सबके आंतरिक सूत्र हैं। इन तीर्थों में ऐसा सारा इंतजाम है कि जिनका उपयोग करके चेतना गतिमान हो सके। ~ ओशो
- notes
- Gahre Pani Paith has had some identity issues, getting conflated with and subsumed by at least two other books. See discussion for more on that and a 4-chapter TOC.
- Also published as ch.5-8 (out of 43) of Main Kahta Aankhan Dekhi (मैं कहता आंखन देखी).
- Translated into English as ch. 1 - 4 of Hidden Mysteries.
- time period of Osho's original talks/writings
- Apr 26, 1971 to Jul 10, 1971 : timeline
- number of discourses/chapters
- 4
editions
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