Jansankhya Visphot (जनसंख्या विस्फोट): Difference between revisions
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Revision as of 12:15, 30 May 2020
- समाज जितना समृद्ध होता है, वह उतना ही कम बच्चे पैदा करता है। लेकिन दीन-दुखी-दरिद्र लोग जीवन में किसी अन्य मनोरंजन और सुख की सुविधा न होने से सिर्फ सेक्स में ही सुख ढूढ़ लेते हैं, उनके पास और कोई उपाय नहीं रहता। समृद्ध व्यक्ति अगर संगीत सुनता है, साहित्य पढ़ता है, चित्र देखता है, घूमने जाता है, पहाड़ की यात्रा भी करता है, तब उसकी शक्ति बहुत दिशाओं में बह जाती है। एक गरीब आदमी के पास शक्ति बहाने का और कोई उपाय नहीं रहता अर्थात् उसके मनोरंजन खर्चीले है, सिर्फ सेक्स ही ऐसा मनोरंजन है जो घर में बीबीके साथ मुफ्त उपलब्ध है इसलिए गरीब आदमी बच्चे पैदा करते चला जाता है। इस प्रकार ओशो ने इस पुस्तकमें जनसंख्या विस्फोट के मूल कारणों पर प्रकाश डाला है।
- notes
- See discussion for a TOC.
- time period of Osho's original talks/writings
- (unknown)
- number of discourses/chapters
- 5 / 32 ?
editions
Jansankhya Visphot (जनसंख्या विस्फोट)
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Jansankhya Visphot (जनसंख्या विस्फोट)समस्या और समाधान
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Jansankhya Visphot (जनसंख्या विस्फोट)
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Jansankhya Visphot (जनसंख्या विस्फोट)
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