Bharat Ka Bhavishya (भारत का भविष्य)
- जवान आदमी भविष्य की तरफ देखता है। और जो कौम भविष्य की तरफ देखती है वह जवान होती है। जो अतीत की तरफ, पीछे की तरफ देखती है, वह बूढ़ी हो जाती है। यह हमारा मुल्क सैकड़ों वर्षों से पीछे की तरफ देखने का आदी रहा है। हम सदा ही पीछे की तरफ देखते हैं; जैसे भविष्य है ही नहीं, जैसे कल होने वाला नहीं है। जो बीत गया कल है वही सब-कुछ है। यह जो हमारी दृष्टि है यह हमें बूढ़ा बना देती है।
- notes
- Title means literally, "Future of India." Never been published, available in audio form and e-book. See discussion for more and a TOC.
- time period of Osho's original talks/writings
- (unknown)
- number of discourses/chapters
- 12 or 17