Sharir Aur Tantra (शरीर और तंत्र)

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तंत्र-सूत्र (विज्ञान भैरव तंत्र) भाग दो
ओशो द्वारा भगवान शिव के विज्ञान भैरव तंत्र पर दिए गए 80 प्रवचनों मे से 17 से 32 प्रवचनों का संकलन।
translated from
English : Vigyan Bhairav Tantra, First Series, ch.17-32
notes
This book previously published as Tantra-Sutra, Bhag 2 (तंत्र-सूत्र, भाग दो) (5 volume set), the second volume of the five-volume series Tantra-Sutra (तंत्र-सूत्र) (series), translations from the English series of talks on Vigyan Bhairav Tantra. It is not known whether this title has been used by Rebel/OMI or just by Hind.
time period of Osho's original talks/writings
Dec 8, 1972 to Jan 29, 1973 : timeline
number of discourses/chapters
16 (numbered 17-32)   (see table of contents)


editions

Sharir Aur Tantra (शरीर और तंत्र)

Year of publication : 2009
Reprints 2011, 2014, 2017
Publisher : Hind Pocket Books
ISBN 978-81-216-1373-6 (click ISBN to buy online)
Number of pages : 326
Hardcover / Paperback / Ebook : P
Edition notes :

Sharir Aur Tantra (शरीर और तंत्र)

Year of publication : 2019
Publisher : Hind Pocket Books
ISBN 9788121620819 (click ISBN to buy online)
Number of pages : 344
Hardcover / Paperback / Ebook : P
Edition notes :

table of contents

edition 2014
chapter titles
discourses
event location duration media
17 अचानक रुकने की कुछ विधियां
२५. रुक जाओ!
२६. कामना का साक्षात्कार करो
२७. अपने को थका डालो और जमीन पर गिर पड़ो
8 Dec 1972 pm Woodlands, Bombay 1h 37min audio
18 प्रामाणिक होना अत्यंत महत्वपूर्ण है
१. क्या अभिव्यक्ति की उन्मुक्तता प्रामाणिक होने की ओर एक कदम है?
२. काम-क्रोध आदि पर ध्यान देने से बेचैनी सी क्यों होती है?
३. भावावेग में मूर्च्छा पकड़ती है, तो रुकें कैसे?
४. क्या दीक्षा और गुरु-कृपा विधियों से अधिक महत्वपूर्ण नहीं हैं?
9 Dec 1972 pm Woodlands, Bombay 1h 30min audio
19 भक्ति मुक्त करती है
२८. कल्पना करो कि तुम सारी शक्ति खो चुके हो
२९. भक्ति में डूब जाओ
12 Dec 1972 pm Woodlands, Bombay 1h 38min audio
20 शरीर और तंत्र, आसक्ति और प्रेम
१. क्या प्रेम में सातत्य जरूरी है? और प्रेम कब भक्ति बनता है?
२. तंत्र शरीर को इतना महत्व क्यों देता है?
३. कृपया हमें आसक्ति और स्वतंत्रता के संबंध में कुछ कहें।
13 Dec 1972 pm Woodlands, Bombay 1h 22min audio
21 अंतर्यात्रा में आंख के उपयोग
३०. आंखों को बंद करके उन्हें स्थिर रखो
३१. किसी विषय को अखंड की भांति देखो
३२. किसी विषय को ऐसे देखो जैसे पहली बार देख रहे हो
14 Dec 1972 pm Woodlands, Bombay 1h 30min audio
22 तीसरी आंख और सिद्धियां
१. देखने की विधियां तीसरी आंख को कैसे प्रभावित करती हैं?
२. सम्मोहन विद्याओं में लगे लोगों की आंखें डरावनी क्यों होती हैं?
३. आंखों की गति रोकने से मानसिक तनाव क्यों होता है?
15 Dec 1972 pm Woodlands, Bombay 1h 30min audio
23 शांति और मुक्ति के चार प्रयोग
३३. अनंत आकाश को देखो
३४. एक गुह्य विधि
३५. किसी गहरे कुएं में झांको
३६. अपने को पूरी तरह हटा लो
16 Dec 1972 pm Woodlands, Bombay 1h 28min audio
24 संदेह और श्रद्धा, मृत्यु और जीवन
१. क्या मिश्रित ढंग के व्यक्ति को दो भिन्न-भिन्न विधियां करनी चाहिए?
२. जीवन-स्वीकार की दृष्टि रखने वाले तंत्र में मृत्यु-दर्शन का कैसे उपयोग हो सकता है?
३. शरीर के मृतवत होने से मन का रूपांतरण कैसे संभव है?
17 Dec 1972 pm Woodlands, Bombay 1h 38min audio
25 शब्द, ध्वनि और अनाहत
३७. शब्दों और ध्वनियों के पार
३८. अपने को ध्वनियों के केंद्र में अनुभव करो
22 Jan 1973 pm Woodlands, Bombay 1h 44min audio
26 तंत्रः घाटी और शिखर की स्वीकृति
१. क्‍या हम सचेतन रूप से वृत्तियों का नियमन और संयमन करें?
२. अराजक शोरगुल को विधायक ध्वनि में कैसे बदलें?
23 Jan 1973 pm Woodlands, Bombay 1h 18min audio
27 ध्वनि-संबंधी तीन विधियां
३९. किसी ध्वनि का उच्चार करो और उसमें डूब जाओ
४०. शून्य में खोती किसी ध्वनि को सुनते रहो
४१. किसी तार वाले वाद्य को सुनो
24 Jan 1973 pm Woodlands, Bombay 1h 26min audio
28 ध्यानः दमन से मुक्ति
१. दमन इतना सहज सा हो गया है कि हम कैसे जानें कि हममें असली क्या है?
२. कृपया मंत्र-दीक्षा की प्रक्रिया और उसे गुप्त रखने के कारणों पर प्रकाश डालें।
३. सक्रिय ध्यान के अराजक संगीत और पश्चिमी रॉक संगीत में क्या फर्क है?
25 Jan 1973 pm Woodlands, Bombay 1h 32min audio
29 ध्वनि से मौन की यात्रा
४२. ध्वनि का उपयोग भाव-प्रवेश के लिए करो
४३. अपने मन को जीभ पर एकाग्र करो
४४. संवेदनशील कान वालों के लिए एक विधि
26 Jan 1973 pm Woodlands, Bombay 1h 31min audio
30 संभोग, स्वीकार और समर्पण
१. अगर तंत्र मध्य में रहने को कहता है तो भोग और दमन के फर्क को कैसे समझा जाए?
२. क्या गुरु के प्रति खुले होने और कामवासना के प्रति खुले होने के बीच कोई संबंध है?
27 Jan 1973 pm Woodlands, Bombay 1h 22min audio
31 शब्द से शांति की ओर
४५. अः से अंत होने वाले किसी शब्द का उच्चार करो
४६. कानों को बंद करना और गुदा को सिकोड़ना
४७. अपने नाम का मंत्र की तरह उपयोग करो
28 Jan 1973 pm Woodlands, Bombay 1h 33min audio
32 समर्पण का मार्ग: तंत्र
१. ये विधियां तंत्र की केंद्रीय विषय-वस्तु हैं या योग की?
२. संभोग को ध्यान कैसे बनाएं? क्या किसी विशेष आसन का अभ्यास जरूरी है?
३. अनाहत नाद कोई ध्वनि है या निर्ध्वनि?
29 Jan 1973 pm Woodlands, Bombay 1h 18min audio