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- तंत्र-सूत्र (विज्ञान भैरव तंत्र) भाग पांच
- ओशो द्वारा भगवान शिव के विज्ञान भैरव तंत्र पर दिए गए 80 प्रवचनों में से 65 से 80 प्रवचनों का संकलन।
- translated from
- English: The Book of the Secrets, Vol 5
- notes
- This is the fifth volume of the five-volume set of Tantra-Sutra (तंत्र-सूत्र) (series), translations from the English series of talks on Vigyan Bhairav Tantra. Each of the five volumes was subsequently republished under a new title, this one as Hriday-Sutra (हृदय-सूत्र). See the series' discussion page for more traces of its elusive publishing history.
- time period of Osho's original talks/writings
- Jul 25, 1973 to Nov 8, 1973 : timeline
- number of discourses/chapters
- 16 (numbered as 65-80) (see table of contents)
editions
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Tantra-Sutra, Bhag 5 (तंत्र-सूत्र, भाग पांच) (5 volume set)
- Year of publication : ~1993
- Publisher : Rebel Publishing House
- ISBN
- Number of pages :
- Hardcover / Paperback / Ebook :
- Edition notes :
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Tantra-Sutra, Bhag 5 (तंत्र-सूत्र, भाग पांच) (5 volume set)
- Year of publication : Dec 1998
- Publisher : Rebel Publishing House Pvt. Ltd., Pune, India
- ISBN 81-7261-119-6 (click ISBN to buy online)
- Number of pages : 309
- Hardcover / Paperback / Ebook : H
- Edition notes : See discussion for more about this edition.
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Tantra-Sutra, Bhag 5 (तंत्र-सूत्र, भाग पांच) (5 volume set)
- Year of publication : ~2003
- Publisher : Rebel Publishing House
- ISBN
- Number of pages :
- Hardcover / Paperback / Ebook :
- Edition notes :
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table of contents
edition 1998.12 chapter titles
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discourses
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event
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location
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duration
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media
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65
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जीवन एक रहस्य है
- ९२. निर्विचार क्षणों के प्रति सजग होओ
९३. शरीर को असीमित जानो
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25 Jul 1973 pm
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Woodlands, Bombay
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1h 28min
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audio
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66
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अंतस का आकाश और रहस्य
- १. आप किसे रहस्य कहते हैं?
२. मैं अपने को सामान्य अनुभव करता हूं, लेकिन कोई रूपांतरण नहीं देखता। ३. क्या अच्छे और बुरे जैसा कुछ होता है? ४. क्या कल्पना का उपयोग असीम के अनुभव के लिए किया जा सकता है?
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26 Jul 1973 pm
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Woodlands, Bombay
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1h 22min
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audio
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67
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मन और पदार्थ के पार
- ९४. अपने को भरा हुआ अनुभव करो
९५. स्तनों पर अवधान को केंद्रित करो
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27 Jul 1973 pm
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Woodlands, Bombay
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1h 35min
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audio
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68
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लक्ष्य की धारणा ही बंधन है
- १. क्या कल्पना भी कामना नहीं है?
२. कल आपने कहा कि मन सत्य है, लेकिन फिर सभी गुरु मन को बाधा क्यों कहते हैं? ३. केंद्र के रूपांतरण पर इतना जोर क्यों है? ४. स्त्री और पुरुष के लिए अलग-अलग विधियां क्यों हैं?
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28 Jul 1973 pm
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Woodlands, Bombay
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1h 26min
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audio
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69
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एकांत दर्पण बन जाता है
- ९६. अनंत विस्तार में देखते रहो
९७. अनंत अंतरिक्ष को अपने आनंद-शरीर से भर दो
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29 Jul 1973 pm
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Woodlands, Bombay
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1h 35min
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audio
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70
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तपश्चर्या: अकेलेपन से गुजरने का साहस
- १. अकेलापन बहुत काटता है। क्या करें?
२. एकांत और पूर्णता में सामंजस्य कैसे बिठाएं? ३. संबंधों को बढ़ाएं या घटाएं? ४. यौन का आकर्षण क्या गर्भ में वापस लौटने का आकर्षण है? ५. आपका 'हम' से क्या तात्पर्य है?
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30 Jul 1973 pm
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Woodlands, Bombay
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1h 25min
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71
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परिधि का विस्मरण
- ९८. अपने हृदय में शांति का अनुभव करो
९९. समस्त दिशाओं में व्याप्त हो जाओ
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31 Jul 1973 pm
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Woodlands, Bombay
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1h 30min
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audio
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72
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असुरक्षा में जीना बुद्धत्व का मार्ग है
- १. कृपया बुद्ध पुरुष के प्रेम को समझाएं।
२. क्या प्रेम गहरा होकर विवाह नहीं बन सकता? ३. क्या व्यक्ति असुरक्षा में जीते हुए निश्चिंत रह सकता है? ४. अतिक्रमण की क्या आवश्यकता है?
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1 Aug 1973 pm
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Woodlands, Bombay
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1h 18min
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audio
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73
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रूपांतरण का भय
- १००. अनासक्त रहो
१०१. अपने को सर्वशक्तिमान मानो
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1 Nov 1973 pm
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Woodlands, Bombay
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1h 40min
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audio
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74
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संवेदनशीलता और आसक्ति
- १. संवेदनशील होते हुए भी विरक्त कैसे हुआ जाए?
२. आप अपने ही शरीर को ठीक क्यों नहीं कर सकते? ३. स्वयं श्रम करें या आप पर सब छोड़ दें? ४. क्या सच में जीसस को पता नहीं था कि पृथ्वी गोल है?
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2 Nov 1973 pm
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Woodlands, Bombay
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1h 34min
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audio
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75
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विपरीत ध्रुवों में लय की खोज
- १०२. भीतर तथा बाहर आत्मा की कल्पना करो
१०३. कामना से लड़ो मत १०४. देखने की सीमाएं १०५. अस्तित्व की अखंडता को अनुभव करो
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3 Nov 1973 pm
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Woodlands, Bombay
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1h 31min
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audio
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76
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काम-ऊर्जा ही जीवन-ऊर्जा है
- १. तंत्र की विधियां काम से ज्यादा संबंधित नहीं लगती हैं।
२. ज्ञान और अज्ञान आपस में किस प्रकार संबंधित हैं? ३. कृष्णमूर्ति विधियों के विरोध में क्यों हैं? ४. व्यवस्था के हानि-लाभ क्या हैं?
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4 Nov 1973 pm
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Woodlands, Bombay
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1h 33min
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audio
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77
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चेतना का विस्तार
- १०६. प्रत्येक प्राणी हो जाओ
१०७. जानो कि केवल चेतना ही है १०८. अपने ही आंतरिक मार्गदर्शक बनो
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5 Nov 1973 pm
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Woodlands, Bombay
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1h 31min
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audio
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78
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अंतःप्रज्ञा से जीना
- १. कुछ विधियां बहुत विकसित लोगों के लिए लगती हैं।
२. अंतर्विवेक को कैसे पहचानें? ३. क्या अंतःप्रज्ञा से जीने वाला व्यक्ति बौद्धिक रूप से कमजोर होगा?
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6 Nov 1973 pm
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Woodlands, Bombay
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1h 23min
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audio
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79
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शून्यता का दर्शन
- १०९. अपने शरीर को रिक्त अनुभव करो
११०. सक्रियता में लीलापूर्ण रहो १११. ज्ञान और अज्ञान के पार ११२. भीतर के आकाश में प्रवेश करो
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7 Nov 1973 pm
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Woodlands, Bombay
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1h 39min
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audio
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80
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पूर्णता एवं शून्यता का एक ही अर्थ है
- १. यदि भीतर शून्य है तो इसे आत्मा क्यों कहते हैं?
२. बुद्ध पुरुष निर्णय कैसे लेता है? ३. संत लोग शांत जगहों पर ही क्यों रहते हैं? ४. आप कैसे जानते हैं कि चेतना शाश्वत है? ५. मेरे बुद्धत्व से संसार में क्या फर्क पड़ेगा?
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8 Nov 1973 pm
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Woodlands, Bombay
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1h 26min
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audio
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